सारांश
एक वीडियो में दिखाया गया है कि समाचार वाचक किसी चमत्कारी दवा के बारे में बता रहा है जिसे पाने के लिए लोगों की भीड़ बेकाबू हो गयी है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी एक वीडियो में दिखाया गया है कि जोड़ों के दर्द की किसी चमत्कारी दवा के लिए लोगों की भीड़ बेकाबू हो गयी है। इस दवा का प्रचार सद्गुरु द्वारा भी किया गया है।
तथ्य जाँच
क्या जोड़ों के दर्द को ठीक किया जा सकता है?
जोड़ों के दर्द को हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है या नहीं, यह दर्द के कारण पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, जैसे कि ऑस्टियोआर्थराइटिस, दर्द को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसे प्रबंधित करना और लक्षणों को कम करना संभव है।
गठिया का कोई इलाज नहीं है लेकिन दर्द और सूजन को कम करके जोड़ों को आराम दिया जा सकता है लेकिन इसके लिए चिकित्सक की सलाह आवश्यक है क्योंकि वो ही दर्द के कारण की जाँच कर सकते है और उसके अनुरुप उपचार बता सकते हैं। इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव करके, वजन को नियंत्रित करके, शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या में शामिल करके भी जोड़ों के दर्द में थोड़ा आराम हासिल किया जा सकता है लेकिन ये दर्द को ताउम्र नहीं होने देंगे या दर्द को जड़ से खत्म कर देंगे, ऐसा कोई दावा या वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
डॉ. सुशांत श्रीवास्तव, एमबीबीएस, एमएस (ऑर्थोपेडिक्स) एक अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं। वे बाल चिकित्सा ऑर्थोपेडिक्स में विशेषज्ञ हैं। साथ ही वर्तमान में वे बिहार के किशनगंज में माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और लायंस सेवा केंद्र अस्पताल में ऑर्थोपेडिक्स विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने इस वीडियो में किए गए दावे के बारे में बताया, “जोड़ों के दर्द का इलाज करना तब ही कारगर साबित होता है, जब उसके कारण के बारे में सटीक जानकारी हो। बिना दर्द का कारण जानें इलाज करना जटिल है क्योंकि ऑस्टियोआर्थराइटिस, चोट, सूजन, संक्रमण इत्यादि भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है। जोड़ों में होने वाला दर्द केवल घुटनों, पीठ या कमर से संबंधित नहीं होता बल्कि शरीर में कई जोड़ काम करते हैं। बिना सही से जाँच किए यह कहना असंभव है कि जोड़ों के दर्द को ठीक किया जा सकता है।”
क्या मशहूर हस्तियों द्वारा जोड़ों के दर्द की चमत्कारी दवा का प्रचार किया गया है?
नहीं। फेसबुक पर जिस वीडियो को जारी किया गया है, उसे AI की सहायता से बनाया गया है। जब हमने वीडियो के क्लिप को गुगल सर्च और गुगल रिवर्स इमेज की मदद से ढूंढा, तो हमें एक वीडियो मिला, जो सद्धगुरु (Sadhguru) और Deepak Chopra का है। इसे 7 अगस्त 2020 को जारी किया गया था। इस वीडियो की जानकारी Sadhguru की इस वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। आपको बता दें कि दीपक चोपड़ा (Deepak Chopra) एक भारतीय-अमेरिकी लेखक और वैकल्पिक चिकित्सा अधिवक्ता हैं। हालांकि हमने पहली क्लिप को भी सर्च किया लेकिन इमेज धुंधली होने के कारण सटीक परिणाम नहीं मिले मगर ये कहा जा सकता है कि दावाकर्ता द्वारा जारी किया गया वीडियो बिल्कुल गलत है और इसे AI की मदद से बनाया गया है।
जोड़ों के दर्द को लेकर फिलहाल कोई चमत्कारी दवा का आविष्कार तो नहीं किया गया है। जब हमने इस वीडियो में दिए गए लिंक पर क्लिक किया तो वहां अन्य भाषा में जानकारी दी गई थी। उस वीडियो के कैप्शन में SHALAYAI WALL SHOP की लिंक दी गई है लेकिन क्लिक करने पर कोई अन्य लिंक खुलती है, जिसमें फ्रेंच भाषा में लिखा है। जब हम गूगल ट्रांसलेट करते हैं, तो पता चलता है कि उसमें हड्डियों के रोग अर्थराइटिस की बात की गई है। साथ ही इस वीडियो में सदगुरु को दिखाया गया है कि वे अर्थराइटिस के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे जबकि ऐसा नहीं है। उन्हें अस्पताल में ब्रेन सर्जरी के लिए भर्ती किया गया था।
अतः उपरोक्त दावों, शोध पत्रों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि यह दावा बिल्कुल गलत है। हमने पहले भी इस तरह के दावों की जाँच की है। जैसे- जोड़ों के दर्द को हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है और जड़ी-बुटी के सेवन से किसी भी उम्र में लंबाई बढ़ाई जा सकती है.